ससुर: अरे दामाद जी, तूफान की क्या खबर है? दामाद: कूलर के आगे सो रही है, कहिए तो बात करा दूं ।
खबर ना होती कुछ सुबह की, ना कोई शाम का ठिकाना था, थके हार कर आना स्कूल से, पर खेलने तो जरूर जाना था |